गैंगरेप
" लो भई ! आज चूल्हा-न्यौंदा है तुम्हारे नाम !" कार्ड पकड़ाते हुए गाँव के चौकीदार ने कहा !
"अच्छा ! मैंने सुना कि आज पंचायत-घर में मीटिंग हो रही है ! क्रेशर वाले रेसोलूशन पर सहमति बनवाने के लिए ?"
"हाँ, हो तो रही है ! पंचायत में पड़ने वाले बाकी गाँव से भी लोग आ रहे हैं ! पंच की बस में ही ढुलाई हो रही है दबादब !" बीड़ी सुलगाते हुए चौकीदार हंसने लगा !
"ऐसी बात है? कहीं तुझसे दस्तखत तो नहीं करवा लिए ?"
"हैं? वैसे मुझसे अंगूठा तो लगवा लिया था तरसेम लाल ने ! उसने तो कहा था कि यहाँ अंगूठा लगा दे, तुम्हारी पुलिया बन जाएगी और रस्ते पक्के हो जाएंगे ! मैं अनपढ़ आदमी ! मैंने सोचा वैसा ही होगा ! मुझे तो पता भी न था कि क्रेशर पर मंज़ूरी के कागज़ हैं !" चौकीदार परेशान सा होकर बोला !
"च… च…च… ! यह क्या कर आये ! अब इन्होने धक्के से यहाँ नदी के किनारे क्रेशर लगा देना है ! भेड़ -बकरियों की तरह लोगों से मंज़ूरी ले रहे हैं ! झूठ बोल कर ! इन्हीं पंचों-प्रधानों ने नदी गैर-कानूनी खनन वालों को दे रखी थी ! अब और कसर क्रेशर पूरी कर देगा----!"
चौकीदार का रंग सफ़ेद पड़ गया ! फर्श पर बीड़ी रौंदते हुए वो बोला,"यह तो बहुत गलत हो गया ! आपकी तो ज़मीन लगती है नदी के साथ ! आप क्या करोगे अब?"
"करना क्या है ! मैं अकेला आदमी किस-किस से लड़ूँगा ! मैं भी क्रेशर लगा लूँगा, और क्या !"
चौकीदार एक पल के लिए लाजवाब हो गया और फिर उठते हुए बोला,"हाँ ! सही बात है !"
"अच्छा ! मैंने सुना कि आज पंचायत-घर में मीटिंग हो रही है ! क्रेशर वाले रेसोलूशन पर सहमति बनवाने के लिए ?"
"हाँ, हो तो रही है ! पंचायत में पड़ने वाले बाकी गाँव से भी लोग आ रहे हैं ! पंच की बस में ही ढुलाई हो रही है दबादब !" बीड़ी सुलगाते हुए चौकीदार हंसने लगा !
"ऐसी बात है? कहीं तुझसे दस्तखत तो नहीं करवा लिए ?"
"हैं? वैसे मुझसे अंगूठा तो लगवा लिया था तरसेम लाल ने ! उसने तो कहा था कि यहाँ अंगूठा लगा दे, तुम्हारी पुलिया बन जाएगी और रस्ते पक्के हो जाएंगे ! मैं अनपढ़ आदमी ! मैंने सोचा वैसा ही होगा ! मुझे तो पता भी न था कि क्रेशर पर मंज़ूरी के कागज़ हैं !" चौकीदार परेशान सा होकर बोला !
"च… च…च… ! यह क्या कर आये ! अब इन्होने धक्के से यहाँ नदी के किनारे क्रेशर लगा देना है ! भेड़ -बकरियों की तरह लोगों से मंज़ूरी ले रहे हैं ! झूठ बोल कर ! इन्हीं पंचों-प्रधानों ने नदी गैर-कानूनी खनन वालों को दे रखी थी ! अब और कसर क्रेशर पूरी कर देगा----!"
चौकीदार का रंग सफ़ेद पड़ गया ! फर्श पर बीड़ी रौंदते हुए वो बोला,"यह तो बहुत गलत हो गया ! आपकी तो ज़मीन लगती है नदी के साथ ! आप क्या करोगे अब?"
"करना क्या है ! मैं अकेला आदमी किस-किस से लड़ूँगा ! मैं भी क्रेशर लगा लूँगा, और क्या !"
चौकीदार एक पल के लिए लाजवाब हो गया और फिर उठते हुए बोला,"हाँ ! सही बात है !"
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