सूफ़ी फाइलें | शाह लतीफ़ और महिला किरदार

आबिदा परवीन ने जिस ' शाह लतीफ़ ' का कलाम गाकर दुनिया को मदमस्त कर दिया, उसी अब्दुल शाह लतीफ़ का उर्स इस दफा कोरोना के चलते नहीं मनाया जा रहा। अब्दुल लतीफ़ एक ऐसे सूफी संत हुए, जिन्होंने सिंध के आम मेहनतकश लोगों की ज़िंदगी पर अपनी कविताएं लिखीं और इसीलिए शाह लतीफ़ ' सिंधी भाषा के शेक्सपियर' भी कहलाए गए। शाह लतीफ़ की कविताओं में मुगलिया हुक़ूमत के पतन के बाद आपसी झगड़ों में उलझे हुए सूबा-ए-सिंध की हूक सुनाई देती है ! शाह लतीफ़ ने जोगियों और फकीरों की सोहबत में दुनियावी मोह छोड़कर सिंध के रेतीले टीलों (भिट) में अपना डेरा जमाया था, इसीलिए उनके डेरे को आज ' भिट शाह' के नाम से भी जाना जाता है। शाह लतीफ़ की मशहूर काव्य रचना ' शाह जो राग ' में सिंध की लोककथाओं से मूमल, सस्सी, मारवी, नूरी, लीलां, सूरथ जैसे महिला किरदार लिए गए हैं, जिनके किस्सों में वफादारी और उसूलपरस्ती के साथ जुर्रत भी दिखाई देती है। शाह लतीफ़ के लिखे इस 'रिसालो' की गूंज मुल्तान से राजस्थान होते हुए, काठियावाड़ और बलोच लोकगीतों में भी मिलती है। शाह लतीफ़ की भिट शाह (स...