जेसीबी: एक मशीन का राजनैतीकरण
पिछले कुछ दिनों से बुल्डोजर या JCB मशीन के राजनीतीकरण के चलते मैं बहुत सोच में पड़ी रही। कुछ सालों से हमारे ग्रामीण से इंडस्ट्रियल होते इलाके में ट्रैक्टर के बाद सबसे उपयोगी बनकर जो मशीन उभरी है वो है 'जेसीबी'..! हमारी पथरीली ज़मीन से खोद कर बड़े बड़े बोल्डर निकालने से लेकर बुनियादें खोदने तक, नदियों में माइनिंग करने से लेकर हाईवे की फोर लेनिंग में जुटे हुए यह पीले पंजे इतने मल्टी-पर्पज रहे हैं कि लोग वाकई खड़े होकर साइट पर इनका जलवा देखते हैं। कितने ही बेरोजगार युवकों ने जेसीबी लेकर कमाई का साधन जुटा लिया है। सड़कों पर यह मशीन बड़ी ठसक से दौड़ती मिलती है आजकल।
लेकिन हालही में इसके राजनीतीकरण और विध्वंसक इस्तेमाल से इसका रेपुटेशन फौजी टैंक जैसा बना दिया गया है, जो सिर्फ़ तोड़फोड़ और दहशत का सबब हो।
प्रलेस द्वारा आयोजित एक सेमिनार में बुलडोजर (जेसीबी) पर एक सेशन रखा गया है: "क्या क्या तोड़ता है बुल्डोजर". ऐसे ही पिछले दिनों The Wire ने एक लेख छापा 'The Bulldozer Is the Latest Symbol of Toxic Masculinity to Create Havoc in the Populace'. जमा हासिल यही है बुल्डोजर को रूपक की तरह इस्तेमाल कर इसकी छवि 'फौजी टैंक' वाली बना दी जाए।
मैं जेसीबी की इस टाइपकास्टिंग के सख्त खिलाफ हूं। धरातल पर उतर कर देखिए, पहाड़ों में लैंडस्लाइड होती है तो फंसे हुए लोगों और वाहनों को जेसीबी उम्मीद की किरण की तरह दिखाई देती है।
कितनी ही दफे मलवे में दबे मजदूरों को समय से निकलाने में जेसीबी ने कितना शानदार काम किया। बाढ़ में फंसे लोगों को, गड्ढों में फंसे पशुओं को रेस्क्यू करने में बुलडोजर (जेसीबी) ने कितना ज़रूरी काम किया है।
नैनो और मारुति को तो राजनैतिक औजार की तरह इस्तेमाल किया ही गया है लेकिन मेरी इल्तिजा है कि जेसीबी जैसी एक उपयोगी मशीन को अपने राजनैतिक एजेंडा के चलते खलनायक न बनाएं!
कांग्रेस ने जब सिद्धू मूसेवाल को टिकट दिया था तब एक इंटरव्यू में गन कल्चर पर बोलते हुए मूसेवाल कहते हैं, "किसी भी हथियार को क्यों बुरा कहना। वो हथियार जिस हाथ में है, उसके पीछे का दिमाग अच्छा या बुरा हो सकता है।" बात सही भी है, जो कुदाल और हँसिया एक मज़दूर के हाथ में बतौर औजार है, वही किसी बददिमाग के हाथ में आकर हथियार बन जाता है। हालिया सिरीज़ पाताल लोक में अभिषेक बैनर्जी के किरदार को हथौड़ा त्यागी बुलाया जाता है, क्योंकि वह महज़ एक हथौड़े से वीभत्स कत्ल करता है।
किसी मशीन को खलनायक बनाने से बेहतर है, उसे गलत हाथों से खींचा जाए। ऐसा ही गेरुआ और धर्म के साथ किया जाए। इनकी परिभाषा बिगड़ने से बचाई जाए!
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