प्रील्यूड टू ए रायट : हमारे समय का हल्फनामा

ऐनी ज़ैदी का उपन्यास 'प्रील्यूड टू ए रायट ' हमारे ही इस खतरनाक समय का हलफनामा है, जहां नफरतें, बेल-बूटियों की तरह हमारे घर-आंगन तक बढ़ आई हैं और ज़हरीला धुआं पूरे समाज के फेफड़ों में भर गया है, किसी भी समय एक शहर को आग में झोंका जा सकता है और सब अपनी-अपनी बारी के इंतज़ार में हैं। यह नफ़रत कभी प्रवासी मजदूरों तो कभी गैर धर्म के लोगों तो कभी औरतों के लिए उमड़ती-घुमड़ती मिल जाती है। सांप्रदायिक और हिंसक होते आस-पड़ोसियों से डर कर छटपटाते किरदारों की आवाज़ें इस उपन्यास में साफ़ सुन पाएंगे। 'प्रील्यूड टू ए रायट' को पढ़ते हुए प्रियम्वद के लिखे उपन्यास ' वे वहां कैद हैं' की याद आई। स्टोरीटैलिंग का अंदाज़ रूटीन लेखन से अलग है। आप भी पढ़िए...